करोड़ों की नौकरी छोड़कर, पहले महीने 12 लाख का लॉस फिर 100 करोड़ का टर्नओवर

Business

U Clean Success Story : जमशेदपुर (झारखंड) में रहने वाले एक मध्यमवर्गीय परिवार के अरुणब सिन्हा नाम के एक व्यक्ति की यह कहानी है. बिजनेस शुरू होने से पहले सिर्फ एक ही महीना के अंदर अरुणब बहुत कुछ खो चूका हुआ था. पर अरुणब ने बिलकुल भी हिम्मत हारने की कोशिश नहीं की. उन्होंने दोबारा फिर से अपने इस सपने को सच में साकार करने के लिए बहुत ज्यादा प्रत्यन किए.

आज के समय में मात्र 93 शहरों में अरुणब की कंपनी के बहुत सरे स्टोर्स हैं. यूक्लीन (U Clean) यह अरुणब की कंपनी का नाम है और अब फ्रेंचाइजी मॉडल पर यह कंपनी काम कर रही है. अरुणब को इस बिजनेस का आइडिया तब आया जब, पारंपरिक तरीके से धुलने वाले कपड़ों में सफाई से जुडी कई शिकायतों के बारें में पता चला.

2008 में आईआईटी से इंजीनियरिंग पूरी होने के सिर्फ कुछ ही समय बाद में अरुणब ने अच्छे सैलरी पैकेज पर एक बड़ी कंपनी के साथ नौकरी करना शुरू कर दिया था. उन्होंने यह जॉब छोड़ दी क्योंकि उन्हें वहां यह काम करना बिलकुल भी जमा नहीं. उन्होंने अपना जीवन के पहला स्टार्टअप वर्ष 2011 में ही शुरू किया.

जिस कंपनी के साथ उन्होंने यह स्टार्टअप शुरू किया था, जिसके लिए उन्हें फंडिंग भी मिली थी, उसी कंपनी को उन्होंने वर्ष 2015 में बेच दिया. उन्होंने इसके बाद फिर से एक बार नौकरी करना शुरू की. उन्होंने 1 करोड़ रुपये के सालाना पैकेज पर इस बार नौकरी करना शुरू कर दी, पर नौकरी करने से ज्यादा नौकरियां देना ही उनके इस नसीब में लिखा हुआ था.

U Clean Success Story

U Clean कंपनी की शुरुआत कब और कैसे की थी :

2016 में अपनी करोड़ो रुपयों की नौकरी छोड़कर अरुणब ने U Clean कंपनी की स्थापना वर्ष 2017 में कर दी. उनकी यह कंपनी एक ड्राइक्लीनिंग की है. बहुत सारे लोगों ने कपड़ों के ठीक से साफ न होने पर काफी सारी शिकायतें की थी, यह बात उस होटल में नौकरी करते वक्त उन्हें पूरी तरह से समझ में आई थी.

अभ तक भारत में ज्यादातर कपड़ों की धुलाई पारंपरिक तरीके से धोबीघाट पर ही की जाती है, तो इसीलिए उनको इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए बहुत सारे अवसर मिलने वाले थे. इसी को मध्य नज़र रखते हुए उन्होंने यूक्लीन कंपनी की शुरुआत की.

पहले ही महीने में कैसे लगा चूना :

हालांकि इनके इस आइडिया को बहुत सारे लोग ने पसंद भी किया, पर पैसा लगाने के लिए कोई भी तैयार नहीं हुआ. दिल्ली में किसी तरह बहुत मुश्किल से एक ड्राइक्लीनिंग वाले दुकान के मालिक ने उन्हें अपने 6 में से मात्र 2 दुकान देने के लिए तैयार हुए. उन्होंने इन पारंपरिक दुकानों पर 25 लाख रुपये लगाए ताकि इन्हें वह यूक्लीन के विजन जैसे तैयार करना चाहते थे.

अरुणब ने इसके बदले में एक ऐसा समझौता किया कि वह उन्हें 50,000 रुपये मुनाफा के तौर पर अपने हर महीने के किराये के साथ साथ देंगे. वसंत कुंज में अपना पहला दुकान अरुणब ने शुरू किया. उस दुकान को शुरू हुए मात्र सिर्फ 21 दिन ही हो चुके थे कि अचानक से कुछ तकनीकी कारणों की वजह से आग लगी जिसमें 12 लाख रुपयों का सामान पूरी तरह से जलकर राख हुआ.

कैसे नहीं मानी हार :

यह सब अंत हुआ ऐसा अरुणब को लगा था, लेकिन बिलकुल भी हार न मानते हुए उन्होंने सीधे जाकर संपर्क किया उस कमर्शियल वॉशिंग मशीन बनाने वाली कंपनी आलियांस लॉन्ड्री को. उसी आलियांस उन्हें 3 नई मशीने मुफ्त में देने को तैयार हो गई. इसी के बाद उनका काम शुरू होने लगा.

फिर से फ्रेंचाइजी मॉडल को यूक्लीन ने अपनाया. आज के समय में 5 लाख रुपये (जीएसटी अलग से) की फ्रेंचाइजी फीस के साथ साथ 5-7 फीसदी की मासिक रॉयल्टी पर यूक्लीन फ्रेंचाइजी भी दे रही है. प्रति किलो के हिसाब से कपड़े धोने के लिए यूक्लीन 80-180 रुपये के बीच में लेता है.

उसके साथ ही 2000 रुपये तक का खर्चा महंगे वाले कपड़ों को ड्राइक्लीन करने के लिए आता है. यूक्लीन ने 100 करोड़ रुपये का टर्नओवर मात्र सिर्फ 6 सालों के अंदर ही हासिल कर दिया. यूक्लीन के अब 93 शहरों में 323 दुकाने हैं.

यह भी पढ़े: Zomato Success Story कैसे मन में आया Zomato का नाम? जानिए।

दोस्तों अगर आपको यह U Clean Success Story अच्छी लगी हो तो जरूर अपने दोस्तों के साथ शेयर करे.

Leave a Reply