Anmol Vachan In Hindi | अनमोल वचन हिंदी में
अगर आप भी भागदौड़ भरी जिंदगी में अपने लक्ष्य से भटक रहे है तो इन अनमोल वचनों ( anmol vachan in hindi ) की सहायता से आप अपने जीवन में नए बदलाव ला सकते है. आज हम आपके साथ विद्वान लोगों द्वारा कहे गए अनमोल वचन शेयर कर रहे हैं. इन विचारों को आप रोज पढ़कर आप अपने अंदर नई ऊर्जा को महसूस करेंगे.
Anmol Vachan
दो बातों की गिनती करना छोड़ दे,
खुद का दुःख और दूसरों का सुख,
जिंदगी आसान हो जाएगी..
मिली थी जिंदगी
किसी के काम आने के लिए,
पर वक़्त बीत रहा है,
कागज़ के टुकड़े कमाने के लिए..
ताश का जोकर और अपनों की ठोकर,
अक्सर बाजी घुमा देते है..
जैसे जैसे उम्र गुज़रती हैं,
एहसास होने लगता हैं,
माँ बाप हर चीज़ के बारे में सही कहते थे..
भरोसा जितना कीमती होता हैं,
धोखा उतना ही महंगा हो जाता हैं..
चेहरे अक्सर झूठ भी बोला करते हैं,
रिश्तों की हकीकत वक़्त पर पता चलती हैं..
मैंने अपनी जिंदगी में,
सारे महंगे सबक,
सस्ते लोगों से ही सीखे हैं..
कुछ मजबूत रिश्तें,
बड़ी ख़ामोशी से बिखर जाते हैं..
दुनिया का उसूल हैं,
जबतक काम हैं तबतक तेरा नाम हैं,
वरना दूर से सलाम हैं..
जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते
तब तक आप भागवान पर विश्वास नहीं कर सकते.
जैसा तुम सोचते हो, वैसे ही बन जाओगे.
खुद को निर्बल मानोगे तो निर्बल और
सबल मानोगे तो सबल ही बन जाओगे.
जो कुछ भी तुमको कमजोर बनाता है –
शारीरिक, बौद्धिक या मानसिक
उसे जहर की तरह त्याग दो.
यदि परिस्थितियों पर
आपकी मजबूत पकड़ है
तो जहर उगलने वाला भी
आपका कुछ नही बिगाड़ सकता.
संभव की सीमा जानने का एक ही तरीका है,
असंभव से भी आगे निकल जाना.
हम वो हैं जो हमें हमारी सोच ने बनाया है,
इसलिए इस बात का ध्यान रखिये कि आप क्या सोचते हैं.
मनुष्य जितना अपने अंदर से करुणा,
दयालुता और प्रेम से भरा होगा,
वह संसार को भी उसी तरह पायेगा.
अनमोल वचन हिंदी में
आप अपने को जैसा सोचेंगे, आप वैसे ही बन जाएंगे.
यदि आप स्वयं को कमजोर मानते हैं तो आप कमजोर ही होंगे.
और यदि आप स्वयं को मजबूत सोचते हैं तो आप मजबूत हो जाएंगे.
केवल उन्हीं का जीवन,
जीवन है जो दूसरों के लिए जीते हैं.
अन्य सब तो जीवित होने से अधिक मृत हैं.
लोग तुम्हारी स्तुति करें या निन्दा,
लक्ष्य तुम्हारे ऊपर कृपालु हो या न हो,
तुम्हारा देहांत आज हो या युग में,
परंतु तुम न्यायपथ से कभी भ्रष्ट न होना.
जितना बड़ा संघर्ष होगा,
जीत उतनी ही शानदार होगी.
दिन में कम से कम एक बार खुद से जरूर बात करें
अन्यथा आप एक उत्कृष्ट व्यक्ति के साथ एक बैठक गँवा देंगे.
जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते
तब तक आप ईश्वर पर विश्वास नहीं कर सकते.
हम जो बोते हैं वो काटते हैं.
हम स्वयं अपने भाग्य के निर्माता हैं.
जिस शिक्षा से हम अपना जीवन निर्माण कर सके,
मनुष्य बन सके ,चरित्र गठन कर सके
और विचारों की सामंजस्य कर सकें.
वही वास्तव में शिक्षा कहलाने योग्य है.
चाहे आपमें कितनी भी योग्यता क्यों न हो,
केवल एकाग्रचित्त होकर ही
आप महान कार्य कर सकते हैं.
आपके सबसे असंतुष्ट ग्राहक
आपके सीखने का सबसे बड़ा स्त्रोत हैं.
अपने आप की तुलना किसी से मत करो,
यदि आप ऐसा कर रहे है तो
आप स्वयं अपनी बेइज़्ज़ती कर रहे है.
सफलता एक घटिया शिक्षक है.
यह लोगों में यह सोच विकसित कर देता है
कि वो असफल नहीं हो सकते.
Anmol Vachan in Hindi
जब आपके हाथ में पैसा होता है तो
केवल आप भूलते है की आप कौन है
लेकिन जब आपके हाथ खाली होते है तो
संपूर्ण संसार भूल जाता है की आप कौन है.
सफलता की खुशियां मनाना ठीक है लेकिन
असफलताओं से सबक सीखना अधिक महत्वपूर्ण है.
यदि आप गरीब जन्मे है तो यह आपकी गलती नहीं है
लेकिन यदि आप गरीब मरते है तो यह आपकी गलती है.
यह सही हैं की सफलता का जश्न आप मनाये
पर अपने पुराने बुरे समय को याद रखते हुए.
मैं एक कठिन काम को करने के लिए
एक आलसी इंसान को चुनुंगा क्योकि
आलसी इंसान उस काम को करने का
एक आसान तरीका खोज लेगा.
बेवकूफ बनकरखुश रहिये
और इसकी पूरी उम्मीद हैं की
आप अंत में सफलता प्राप्त करेंगे.
अगर हम अगली सदी की तरफ देखें तो
लीडर वो होंगे जो दूसरों को शशक्त बना सकें.
हम सभी को ऐसे लोगों की जरूरत है
जो हमे फीडबैक (प्रतिक्रिया) दे सके.
क्योंकि इन्ही के कारण हम सुधार करते है.
अक्सर आपको अपने अंतर्ज्ञान पर
ही भरोसा करना होगा.
जैसे एक बछड़ा हज़ारो गायों के
झुंड मे अपनी माँ के पीछे चलता है.
उसी प्रकार आदमी के अच्छे
और बुरे कर्म उसके पीछे चलते हैं.
सबसे बड़ा गुरु मंत्र,
अपने राज किसी को भी मत बताओ.
ये तुम्हे खत्म कर देगा.
आदमी अपने जन्म से नहीं
अपने कर्मों से महान होता है.
एक समझदार आदमी को सारस की तरह
होश से काम लेना चाहिए और जगह,
वक्त और अपनी योग्यता को समझते हुए
अपने कार्य को सिद्ध करना चाहिए.
Satya Vachan in Hindi
पुस्तकें एक मुर्ख आदमी के लिए वैसे ही हैं,
जैसे एक अंधे के लिए आइना.
एक राजा की ताकत उसकी शक्तिशाली भुजाओं में होती है.
ब्राह्मण की ताकत उसके आध्यात्मिक ज्ञान में और
एक औरत की ताक़त उसकी खूबसूरती,
यौवन और मधुर वाणी में होती है.
आग सिर में स्थापित करने पर भी जलाती है.
अर्थात दुष्ट व्यक्ति का कितना भी सम्मान कर लें,
वह सदा दुःख ही देता है.
जो गुजर गया उसकी चिंता नहीं करनी चाहिए,
ना ही भविष्य के बारे में चिंतिंत होना चाहिए.
समझदार लोग केवल वर्तमान में ही जीते हैं.
संकट में बुद्धि भी काम नहीं आती है.
जो जिस कार्ये में कुशल हो
उसे उसी कार्ये में लगना चाहिए.
किसी भी कार्य में पल भर का भी विलम्ब ना करें.
ये मत सोचो की प्यार और लगाव एक ही चीज है.
दोनों एक दूसरे के दुश्मन हैं.
ये लगाव ही है जो प्यार को खत्म कर देता है.
दौलत, दोस्त ,पत्नी और राज्य
दोबारा हासिल किये जा सकते हैं,
लेकिन ये शरीर दोबारा हासिल नहीं किया जा सकता.
पृथ्वी सत्य पे टिकी हुई है. ये सत्य की ही ताक़त है,
जिससे सूर्य चमकता है और हवा बहती है,
वास्तव में सभी चीज़ें सत्य पे टिकी हुई हैं.
फूलों की खुशबू हवा की दिशा में ही फैलती है,
लेकिन एक व्यक्ति की अच्छाई चारों तरफ फैलती है.
जो हमारे दिल में रहता है, वो दूर होके भी पास है.
लेकिन जो हमारे दिल में नहीं रहता, वो पास होके भी दूर है.
Katu Vachan
जैसे एक सूखा पेड़ आग लगने पे पुरे जंगल को जला देता है,
उसी प्रकार एक दुष्ट पुत्र पुरे परिवार को खत्म कर देता है.
जिस आदमी से हमें काम लेना है,
उससे हमें वही बात करनी चाहिए जो उसे अच्छी लगे.
जैसे एक शिकारी हिरन का शिकार
करने से पहले मधुर आवाज़ में गाता है.
वो व्यक्ति जो दूसरों के गुप्त दोषों के बारे में बातें करते हैं,
वे अपने आप को बांबी में आवारा
घूमने वाले साँपों की तरह बर्बाद कर लेते हैं.
वो जो अपने परिवार से अति लगाव रखता है,
भय और दुख में जीता है.
सभी दुखों का मुख्य कारण लगाव ही है,
इसलिए खुश रहने के लिए लगाव का त्याग आवश्यक है.
एक संतुलित मन के बराबर कोई तपस्या नहीं है.
संतोष के बराबर कोई खुशी नहीं है.
लोभ के जैसी कोई बिमारी नहीं है.
दया के जैसा कोई सदाचार नहीं है.
शत्रु की दुर्बलता जानने तक
उसे अपना मित्र बनाए रखें.
भूख के समान कोई दूसरा शत्रु नहीं है.
सभी प्रकार के भय से बदनामी
का भय सबसे बड़ा होता है.
सोने के साथ मिलकर चांदी भी सोने जैसी दिखाई पड़ती है
अर्थात सत्संग का प्रभाव मनुष्य पर अवश्य पड़ता है.
ढेकुली नीचे सिर झुकाकर ही कुँए से जल निकालती है.
अर्थात कपटी या पापी व्यक्ति सदैव
मधुर वचन बोलकर अपना काम निकालते हैं.
अपने से अधिक शक्तिशाली और
समान बल वाले से शत्रुता ना करें.
धूर्त व्यक्ति अपने स्वार्थ के
लिए दूसरों की सेवा करते हैं.
Anmol Vachan Hindi me
आग में आग नहीं डालनी चाहिए.
अर्थात क्रोधी व्यक्ति को
अधिक क्रोध नहीं दिलाना चाहिए.
दूध के लिए हथिनी पालने की जरुरत नहीं होती
अर्थात आवश्कयता के अनुसार साधन जुटाने चाहिए.
कठिन समय के लिए धन की रक्षा करनी चाहिए.
सुख और दुःख में समान रूप से सहायक होना चाहिए.
किताबों की एहमियत
अपनी जगह है जनाब,
सबको वही याद रहता है,
जो वक्त और लोग सिखाते है..
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