बच्चे के दोस्त बनकर सिखाएं उसे दोस्ती करना
बच्चों के व्यक्तित्व विकास में दोस्ती का रिश्ता अहम् भूमिका निभाता है. दोस्त बनाने का यह हुनर सिखने में आप भी कर सकती हैं लाडले की मदद. अध्ययन बताते हैं की दोस्तों की संख्या से ज्यादा यह बात मायने रखती है की वह दोस्ती कितनी गहरी है. भले ही एक दोस्त, पर वह दोस्त दिल के करीब होना चाहिए. आपके बच्चे का विकास बेहतर हो, इसके लिए दोस्त बनाने और दोस्ती निभाने के लिए उसे निम्न तीन बातें सिखाना आवश्यक है.
१) जिन लोगों से पहले नहीं मिला है,उनसे बातचीत की शुरुआत कैंसे की जाए.
२) दूसरों के साथ सकारात्मक तरीके से किस प्रकार पेश आना है.
३) मनमुटाव या लड़ाई की स्थिति में बेकाबू हुए बिना समस्या का समाधान निकालने की कला. बच्चे को उपरोक्त बातें सीखने के लिए आपको उसकी कुछ बातों पर गौर करना होगा.

जरा गौर करिए.
१) बच्चा जब किसी पार्क इत्यादि में अन्य बच्चों के साथ हो तो उसके व्यवहार का गहराई से निरिक्षण करें. उसके व्यवहार का उन बच्चों से तुलना करें,जो वहां मौजूद अन्य बच्चों के बिच अधिक लोकप्रिय हैं.
२) उन गुणों को समझने का प्रयास करें जिन्हें बच्चे को सीखने की जरुरत है. बच्चे के भीतर मौजूद उन गुणों को जानने की कोशिश करें, जिनके बेहतर इस्तेमाल से वह लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर सके.
३) किसी भी चीज को सीखने के लिए चरणबद्ध तरीके से काम करना जरुरी है. अच्छी दोस्ती के रिश्ते की शुरुआत के मामले में भी यह बात लागू होती है. उसे एक के बाद एक किन-किन बातों पर ध्यान देना है, यह बताएं. यह सिखाने क लिए किसी ऐसी परिस्थिति या माहौल को चुनें.
४) नए बच्चों एवं लोगों से घुलने-मिलने की यह कला सिखाने के लिए आप उससे घर पर ही इसकी प्रैक्टिस करने को कह सकती हैं. घर पर ही खेल-खेल में नए स्टूडेंट का रोल स्वयं प्ले करते हुए बच्चे से अपना परिचय देते हुए दोस्ती का प्रस्ताव रखने को कहें. दोस्ती के प्रस्ताव पर नए स्टूडेंट की संभावित प्रतिक्रिया भी उसे बताएं. घर पर ही इसकी प्रैक्टिस करने से बच्चे की हिचक दूर होगी और लोगों से घुलने-मिलने को लेकर उसमें आत्मविश्वास पैदा होगा.
५) बच्चे की किसी भी बात पर शुरुआत में सदैव सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए कहें कि उसने जो किया वह ठीक था. इसके बाद उसे समझाएं की कि कैसे वह अपने व्यवहार को और बेहतर बना सकता है.